''बाबर'' में एक बार फिर पुलिस के दरोगा बने है क्या कोई ख़ास वजह इसकी?
ख़ास वजह तो यही है कि मैं फिर से पुलिस वाला बना हूँ फिल्म ''बाबर में, पता नहीं अभी कितनी बार और बनूंगा।
अर्धसत्य से लेकर अब तक आप अनेको बार पुलिस वाले की भूमिका कर चुके हैं कैसा रहा अब तक का सफ़र?
-फिल्म ''अर्धसत्य'' से शुरू हुआ पुलिस की भूमिका का यह सफ़र बहुत ही अच्छा रहा। मैंने अच्छे व बुरे दोनों ही तरह के पुलिस ऑफिसर की भूमिका की है. ''अर्धसत्य'' में मैं ईमानदार पुलिस ऑफिसर बना था जबकि इस फिल्म ''बाबर'' में भ्रष्ट दरोगा बना हूँ, जो कि अपराधी की मदद करता है उसके साथ बैठ कर चाय पिता है. बाद में उसे अपने रास्ते से हटाने से भी झिझकता नहीं हैं. मजा आया चतुर्वेदी के चरित्र को अभिनीत करके. वास्तव में ऐसे दरोगा होते हैं.
फिल्म ''बाबर'' की कहानी बताइए?
-यह कहानी है एक ऐसे लड़के बाबर की, जो कि १२ साल की छोटी सी उम्र में हत्या कर देता है और अपराध के इस सफर मे चलते हुए वो माफिया बन जाता है।
इस फिल्म में आपके साथ मिथुन दा भी है, कैसा रहा उनके साथ काम करके?
आपकी कौन कौन सी फिल्में आने वाली हैं?
-''लन्दन ड्रीम्स'' ,''रोड टू संगम'', ''वांटेड'' व इस प्यार को क्या नाम दूं'' मेरी आने वाली फिल्में हैं।
आपको राष्ट्रीय पुरुस्कार, फिल्मफेयर, पदमश्री व लाइफ टाइम अचीवमेंट आदि अनेको अवार्ड मिल चुके हैं अब क्या चाहते है?
-अभी बहुत सारे अवार्ड बचे हैं जैसे जैसे मिलेगें तब मैं उसके में बात करूगां, अभी नहीं.
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