Friday, January 8, 2010

अर्जन लुल्ला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

मुंबई में एक शानदार समारोह में भारतीय सिनेमा के वैश्वीकरण के लिए अर्जन लुल्ला को दादा साहेब पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अर्जन लुल्ला को यह पुरस्कार ४ मई को दादा साहेब फाल्के की १४० वी जयंती के अवसर पर प्रदान किया गया. अर्जन भारतीय फिल्म स्टूडियो और इरोज इंटरनेशनल के संस्थापक व फिल्म निर्यातक एसोसियशन के सदस्य हैं उन्होंने अपनी दूरदर्शिता से विश्व मानचित्र पर भारतीय सिनेमा को पेश तो किया ही इसके साथ साथ भारतीय फिल्मो के निर्यात के क्षेत्र में भी काफी काम किया है.

इरोज की सफलता के बीज तो उन्होने ३० वर्ष पहले १९७७ में ही बो दिए थे जब उन्होंने इसकी स्थापना कर भारतीय फिल्मो का निर्यात करना आरम्भ कर दिया था। वह उन मार्ग दर्शको में से एक हैं जिन्होंने ऐसे समय में ओवरसीज मार्केट में भारतीय फिल्मो को पहुचाने का काम किया जब विदेशी बाजार भारतीय फिल्मो के लिए उपयुक्त नही था. इनकी देख रेख व मार्ग दर्शन में इरोज ने ओवरसीज फिल्मो के वितरण के लिए सन १९८० में ब्रिटेन में, १९९७ में सयुक्त राज्य अमेरिका में, २००० में दक्षिण अफ्रीका में और २००१ में दुबई में, २००४ में फिजी में व इसके एक साल बाद आस्ट्रेलिया में कार्यालय स्थापित किया, इस तरह सन २००६ में इरोज ऐसी पहली मीडिया कम्पनी बन गया जिसका फिल्म वितरण के क्षेत्र में आधिपत्य है.

आज इरोज इंटरनेशनल अपने बेमिसाल वितरण नेटवर्क के साथ ५ महाद्वीप व ५० देशो में एक साथ काम कर रहा है और इस सबके पीछे हाथ है अर्जन लुल्ला का, जिनके मार्ग दर्शन में उनके पुत्र किशोर व सुनील दोनों काम कर रहे हैं। ७५ वर्ष की आयु में भी वो आराम करने की बजाय लगातार काम कर रहे हैं.
-एच एस कम्युनिकेशन

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